अवंतीबाई को बलिदान दिवस पर किया याद
अवंतीबाई को बलिदान दिवस पर किया याद
1857
फतेहपुर। अखिल भारतीय लोधी महासभा की ओर से अवंतीबाई लोधी का बलिदान दिवस गुरुवार को पूरे शहर में मनाया गया। इसके बांद गोष्ठी का आयोजन हुआ।
शोभायात्रा लोधीगंज से ज्वालागंज, बाकरगंज, सदर अस्पताल, पत्थरकटा से अवंतीबाई प्रतिमा स्थल पर यात्रा का समापन
हुआ। सदर विधायक चंद्रप्रकाश लोधी भी पदयात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वीरांगना अवंतीबाई लोधी ने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से मुकाबला किया।
इस मौके पर नगरपालिका अध्यक्ष चेयरमैन राजकुमार मौर्य, पूर्व प्रमुख अक्षय लोधी, शनि लोधी, फूल सिंह लोधी, उदय लोधी रहे। (संवाद)
👉👉 रानी अवंती बाई लोधी, जिन्हें प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना के रूप में जाना जाता है, मध्य प्रदेश के रामगढ़ (वर्तमान डिंडोरी) की रानी थीं और 1857 की क्रांति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
यहाँ रानी अवंती बाई लोधी के बारे में कुछ और जानकारी दी गई है:
- जन्म: 16 अगस्त 1831 को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में मनकेहड़ी गाँव में.
- पिता: जमींदार राव जुझार सिंह.
- पति: राजा विक्रमादित्य.
- स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: 1857 के विद्रोह में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थीं.
- मृत्यु: 20 मार्च 1858 को.
- विशेषता: वे साहस और शौर्य की प्रतिमूर्ति थीं, जिन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए अंग्रेजों का डटकर विरोध किया.
- गुरिल्ला युद्ध: अवंतीबाई ने ब्रिटिश सेना को खदेड़ने के लिए गुरिल्ला युद्ध का सहारा लिया.
- मृत्यु से पूर्व पत्र: रानी अवंतीबाई ने मृत्यु से पूर्व अंग्रेजों के नाम एक पत्र छोड़ा था.
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